Geography in hindi - भारत के भौतिक प्रदेश के free notes
भारत के भौतिक प्रदेश →
भौतिक प्रदेश :- भौतिक विशेषताओं के आधार पर प्रदेश का निर्धारण किया जाना भौतिक प्रादेशिक करण कहलाता है और ऐसे प्रदेश को भौतिक प्रदेश कहते है। इसके निर्धारण का आधार भौतिक अभिलक्षण जैसे स्थलाकृतिया, एवं उच्चावच होते हैं।
भारत को भौतिक विशेषताओं के आधार पर भारतीय राजपत्र में चार मुख्य भाग में बॉटा है।
1.उत्तरी पर्वतीय प्रदेश
2.मध्यवर्ती की मैंदानी प्रदेश
3.प्रायद्विपीय पठारी प्रदेश
4.तटीय मैदान एवं द्वीप समूह उदेश
( भारत का भौतिक उच्चावत प्रदेश, (introduction))
भारत के प्रमुख भौतिक प्रदेश प्रमुख उच्चावच प्रदेश भी है। साथ ही यह संरचनात्मक दृष्टिकोण से भी विशिष्ट प्रदेश का निर्माण करते हैं।
उत्तर पर्वतीय प्रदेश औसत छः हजार मीटर की ऊंचाई की टर्शियरी संरचना का प्रदेश है और यह नवीन वलित पर्वत के रूप में स्थित है इसके दक्षिण स्थित मध्यवर्ती मैदानी प्रदेश अपेक्षाकृत कम ऊंचे मैदान के रूप मे है जिसकी औसत ऊंचाई 50 से 300 मीटर तक है यह क्वार्टनरी संरचना का क्षेत्र है जहाँ जलोढ़ संरचना की प्रदानता है । दक्षिण में स्थित प्रायद्वीपीय पठारी प्रदेश औसत 500 से 700 मीटर ऊंचाई का आर्कियन प्री केम्ब्रियन संरचना प्रदान विश्व के प्राचीनतम पठारो एवं पहाडीयों का क्षेत्र है।
तटवर्ती मैदानी प्रदेश क्वार्टनरी संरचना का जलोढ़ प्रदान क्षेत्र है। लक्ष्यद्वीप समुह प्रवाली संरचना(समुद्री जीवों की मृत्य के बाद उनकी हड्डियों से बनी संरचना निर्मित है जिसकी औसत ऊंचाई 9 से 14 मीटर तक है। अण्डमान निकोबार द्वीप समूह टर्शियरी संरचना निर्मित क्षेत्र है जिसे हिमालय पर्वतीय क्षेत्र का ही समुद्री विस्तार माना जाता है, इसकी औसत ऊंचाई 300 से 700 मीटर तक है।
स्पष्ट : भारत के विभिन्न भौतिक प्रदेश, उच्चावच, स्थालाकृतिक तथा संरचनात्मक दृष्टिकोण से विशिष्ट है।
उत्तरी पर्वतीय प्रदेश:-
उत्तरी पर्वतीय प्रदेश भारत के उत्तरी भाग में लगभग 5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मे विस्तृत पृथ्वी का नवीन वलित पर्वत है। इसकी औसत ऊंचाई छ: हजार मीटर तथा पूर्व-पश्चिम विस्तार लगभग 2500 कि.मी. है।
हिमालय की उत्पत्ति अल्पाईन भू संचलन के कारण अंतिम क्रिटेशियस काल से टर्शियरी काल तक हुई है अतः इसे टर्शियरी पर्वत कहते है। यह टर्शियरी संरचना प्रदान क्षेत्र है इसे आल्फस पर्वत के आधार पर अल्पाईन पर्वत कहा जाता है, आल्फस के निर्माण के समय हिमालय एटलस, रोडी, एंडिज कुनलून, अराकान योमा जैसे कई नवीन वलित पर्वतो की उत्पत्ति हुई इन सभी पर्वतो को अल्पाईन पर्वत कहते है।
हिमालय पर्वतीय प्रदेश पश्चिम से पूर्व की ओर चापाकार था धनुषाकार आकृति में कई सामानान्तर श्रेणियों के रूप मे स्थित है पूर्व एवं पश्चिम की और यह दक्षिण दिशा में तीव्र मोड़ बनातीं है। जिसे अक्षसंधिवलन कहते है।
उत्तरी पर्वतीय प्रदेश पूर्व की और अपेक्षाकृत कम चौडे़ है। यह औसत चौड़ाई 180 से 200 किलोमीटर तक है जबकि पश्चिम की ओर यह 500 किलोमीटर तक चोड़ा है. पूर्वी हिमालय में कम चौड़ाई का का कारण भारतीय प्लेट की गति का उत्तर दिशा की तुलना में उत्तर-पूर्व की और अधिक होना है।
उत्तरी पर्वतीय प्रदेश का भौतिक विभाजन :-
STSZ :- सिंधु त्सांग्यो संचर जोन ( या सिंधु त्सांग्यो भ्रंश)
MBT :- मेन बाउंड्री थ्रस्ट (या MCT:- मेन सेंट्रल थ्रस्ट)
MBF :- मेन बाउंड्री फॉल्ट
HFF :- हिमालय फ्रंट फॉल्ट
उत्तरी पर्वतीय प्रदेश को दो भागों में बांटा गया है।
(i) ट्रांस हिमालय (ii) मुख्य हिमालय
ट्रांस हिमालय के अंतर्गत काराकोरम हिमालय व लद्दाख हिमालय आता है। और इन दोनो भागों के मध्य लद्दाख का पठार स्थित है।
नोट :- ट्रांस हिमालय एवम् मुख्य हिमालय को पृथक STSZ करता है।
मुख्य हिमालय को तीन भागों में बाटा गया है।
(i) वृहद हिमालय
(ii) मध्य ( लघु) हिमालय
इन दोनो को पृथक MBT/MCT करता है।
(iii) शिवालिक हिमालय
मध्य हिमालय और शिवालिक हिमालय को पृथक MBF करता है।
नोट :- शिवालिक हिमालय और मध्यवर्ती मैदान को पृथक HFF करता है।
उत्तरी पर्वतीय प्रदेश भौतिक दृष्टिकोण से वलित संरचना का क्षेत्र है, जहाँ कई समानान्तर श्रेणीया स्थित है इन श्रेणियों को भ्रंश एवं दरारे पृथक करती है साथ ही इनके मध्य चौरस घाटियों का विकास हुआ है।
हिमालय में कई प्रकार के वलन भ्रंश उल्टा भ्रंश गहरी नदी घाटिया तीव्र मोड़ पाए जाते हैं औसत ऊंचाई में भी विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त विविधता पाई जाती हैं अंत: यहाँ पर्याप्त उच्चावच विषमता पाई जाती है।
भौतिक दृष्टि से उत्तरी पर्वतीय प्रदेश को उत्तर से दक्षिण कई समांतर श्रेणीयों में विभक्त किया जाता है, मुख्य रूप से इसे दो भागो मे विभाजित किया जाता है :-
ट्रांस हिमालय
मुख्य हिमालय
ट्रांस हिमालय मुख्य हिमालय से सिंधु त्सांग्यो सुंचर जोन द्वारा पृथक होती है।
ट्रांस हिमालय :-
ट्रांस हिमालय की भौगोलिक स्थिती लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर के कुछ क्षेत्र मे है। इसके अंतर्गत वृहद हिमालय के उत्तर में स्थित पर्वतीय क्षेत्र आते हैं इस दृष्टिकोण से काराकोरम हिमालय और लद्दाख हिमालय, ट्रांस हिमालय के मुख्य भाग है।
जांस्कर श्रेणी वृहद हिमालय का उत्तर में विस्तार है इसे भी कुछ भूगोलवेत्ता ट्रांस हिमालय में रखते हैं। हालांकि यह वृहद हिमालय का ही भाग है।
काराकोरम हिमालय:-
काराकोरम हिमालय की भौगोलिक स्थिती लद्दाख क्षेत्र में और पाकिस्तान क्षेत्र में अधिकृत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र में है। हालाकी, इस क्षेत्र को लद्दाख संघ राज्य में शामिल कर लिया गया है।
काराकोरम हिमालय की औसत ऊंचाई 6000 मीटर है यहाँ 23 चोटिया 7500 मीटर से अधिक ऊंची है। काराकोरम हिमालय का अधिकांश भाग वर्ष भर हिमाच्छादित रहती है। यहा सियाचीन, बाल्टेरो, वियाफो जैसे हिमनद स्थित है। सियाचीन क्षेत्र में काराकोरम दर्रा स्थित है।
काराकोरम की सर्वोच्च छोटी माउंट K2 या गाडविन आस्टिन है यह भारत की सर्वोच्च चोटी है। लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में है।
प्रमुख अन्य पर्वत चोटियो मे गासेरब्रुम, मासेरब्रुम और हरमोश चोटिया है।
काराकोरम क्षेत्र में तीन प्रमुख घाटियां हैं। - हूजा घाटी, शिगार घाटी और नुब्रा घाटी।
नोट :- नुब्रा घाटी की स्थिती सियाचीन के दक्षिण में है।
लद्दाख हिमालय :-
लद्दाख हिमालय की स्थिती काराकोरम हिमालय के दक्षिण मे है, दोनों के मध्य लाख 'लदाख का पठार है, यहाँ कई मैदान स्थित है जैसे- देवसाग का मैदान, सोड़ा का मैदान, और अक्साई चीन का मैदान यह क्षेत्र चीन के अनाधिकृत कब्जे में है।
लद्दाख हिमालय की औसत ऊंचाई भी लगभग - 6000 मी. है लेकिन यहां काराकोरम हिमालय की तुलना में कम ऊंची चोटिया पाई जाती है इसकी सर्वोच्च चोटी राकापोषी है इसकि भौगोलिक स्थिति पाकिस्तान के अनाधिकृत वाले क्षेत्र मे है। चीन के तिब्बत क्षेत्र में लद्दाख हिमालय की सर्वोच्च चोटी गुरला मांधता है। लद्दाख हिमालय के पूर्व में दक्षिण पूर्व की ओर कैलाश पर्वत की स्थिति है।
Privious notes links....
Read more (part 1) :- Most important basic geography
Read more (part 2) :- भारत की भौतिक संरचना
दोस्तो हमने इस artical में ट्रांस हिमालय को समाप्त कर लिया है इसके बाद वाले artical में हम मुख्य हिमालय की चर्चा शामिल है।
अगर दोस्तो आपको इसमें कोई प्रकार का डाउट हो तो आप नीचे दिए गए I'd पर mail कर सकते है।
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1. भारत के संदर्भ में डीडवाना, कुचानाम, सरगोल और खाटू किनके नाम है?
(A) हिमनद (B) गरान (मैंग्रोव) क्षेत्र
(B) रामसर क्षेत्र। (D) लवण झील
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
(a) बैरेन द्वीप ज्वालामुखी एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जो भारतीय
राज्य क्षेत्र में स्थित है।
(b) बैरेन द्वीप, ग्रेट निकोबार के लगभग 140 किमी पूर्व में स्थित है।
(c) पिछली बार बैरेन द्वीप ज्वालामुखी में 1991 में उद्गार हुआ था और तब से यह निष्क्रिय बना हुआ है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 (b) 2 और 3
(c) केवल 3 (d) 1 और 3
3. निम्न लिखित युग्मों पर विचार कर:
शिखर पर्वत
1. नामचा बरवा। - गढ़वाल हिमालय
2. नंदा देवी। - कुमाऊ हिमालय
3.नोकरेक। - सिक्किम
उपयुक्त कथनों में सही सुमेलित है-
(a) 1 और 2 (b) केवल 2
(c) 1और 3 (d) केवल 3
4.सियाचिन हिमनद कहा स्थित है?
(a) अक्साई चीन के पूर्व में। (b) लेह के पूर्व में
(c) गिलगित के उत्तर में। (d) नुब्रा घाटी के उत्तर में
5. निम्न कथनों पर विचार कीजिए:
(a) भारत में, हिमालय केवल पांच राज्यों में फैला है।
(b) पश्चिमी घाट केवल पांच राज्यों में फैला है
(c) पुलिकट झील केवल दो राज्यों में फैली है।
उपर्युक्त कथनों में से कोन से सही है:-
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 1 और 3