Drishti ias notes in hindi, - मुख्य हिमालय के free notes, geography notes for upsc

Drishti ias notes in hindi

Hello aspirants, इसके पिछले वाले artical में हम ने भारत के उत्तरी भाग के पर्वतीय प्रदेश के अन्तर्गत ट्रांस हिमालय (काराकोरम हिमालय और लद्दाख हिमालय) को समाप्त कर लिया है, और इस artical Drishti ias notes in hindi, - मुख्य हिमालय के free notes, geography notes for upsc  में हम भारत के उत्तरी भाग के पर्वतीय प्रदेश के अन्तर्गत मुख्य हिमालय की शुरुआत करेंगे जिस किसी ने भी पिछले वाले महत्वपूर्ण artical नही देखे है उन को जाकर देख लेवे, उनका लिंक नीचे दे दिया गया है। और इन नोट्स के बारे में मैं आपको बताना चाऊंगा की यह नोट्स अनेकों बेहतरीन coachings ( dristi ias, vision ias, निर्माण ias और उत्कर्ष ias) के नोट्स को समायोजित कर के बनाए गए है और इनमे pre एग्जाम के फैक्ट भी highlight किए गए है जिससे आपको अध्ययन में सुगमता होगी। तो फिर दोस्तो मुख्य हिमालय की शुरुआत करते है ।






Drishti ias notes in hindi


 मुख्य हिमालय :-   मुख्य हिमालय, लद्दाख हिमालय के दक्षिण तीन सामानान्तर श्रेणियों के रूप में पश्चिम से पूर्व की और 2500 कि.मी. चापाकार आकृति में जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश की पूर्वी सीमा तक स्थित है।
तीन श्रेणीया निम्न है:-

1. वृद्ध हिमालय

2. मध्य हिमालय

3. शिवालिक हिमालय

वृहद हिमालय :- वृहद हिमालय की औसत ऊंचाई लगभग 6100 मीटर है और इसका 5500 मीटर से ऊपर का भाग स्थायी रूप से हिमाच्छादित रहता है अत: इसे हिमाद्री कहते है। इसका विस्तार पश्चिम में जम्मू कश्मीर के नगां पर्वत से पूर्व में म्यांमार के नामचाबरवा तक है। इसका उत्तरी विस्तार जास्कर श्रेणी के रूप में है जिसकी सर्वोच्च चोटी कामेत है।

जास्कर हिमालय के पश्चिम में देवसाई का मैदान तथा पूर्व में रूपशू का मैदान स्थित है।

वृहद हिमालय पर विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट, नेपाल हिमालय में स्थित है। इसे सागरमाथा या चोमोलूंगमा कहते है।

भारत में वृहद हिमालय की सर्वोच्च चोटी कचनजंगा सिक्किम में स्थित है वर्तमान में भारत में स्थित चोटी यो में यह सर्वोच्च है।

नोट :- इस चित्र में कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य भी दिखाए गए है।

मध्य हिमालय → मध्य हिमालय की स्थिति वृहद हिमालय के दक्षिण समानान्तर रूप से है यह पश्चिम में जम्मू कश्मीर में पूर्व में भूटान तक विस्तृत हैं इसकी औसत ऊंचाई 3000 से 4500 मीटर है। इस कारण यहाँ जनसंख्या का निवास अधिक हुआ है।

मध्य हिमालय में कई पर्वतीय श्रेणीया स्थित है। इनमें जम्मू कश्मीर में पीर पंजाल श्रेणी, हिमाचल प्रदेश मे धौलाधर श्रेणी उत्तराखण्ड में नागटीबा श्रेणी तथा मसूरी श्रेणी, नेपाल मे महाभारत श्रेणी तथा सिक्किम में डोकिया श्रेणी प्रमुख है। भूटान में यह कुला-कागड़ी से मिल जाता है।

यह प्रदेश प्रमुख हिल स्टेशन के लिए भी जाना जाता है, जैसे शिमला, मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, चक्रता, तार्जिलिंग इत्यादि।

मध्य हिमालय के उत्तरी ढाल के साथ घास के मैदान भी स्थित है।जैसे:-  मर्ग, सोनमर्ग, गुलमर्ग, टनमर्ग (जम्मू और कश्मीर में) बुग्याल,पयार ( उत्तराखंड में)

मध्य हिमालय और वृहद हिमालय के मध्य कई घाटिया भी स्थित है, जहा मानव का बसाव है तथा पर्यटन का भी विकास हुआ है।
जैसे:- कश्मीर घाटी  (जम्मू कश्मीर में)
         लाहुल - स्पीति (हिमाचल प्रदेश में)
         कुल्लू - मनाली - कांगड़ा घाटी (हिमाचल प्रदेश में)
         पुष्प घाटी (उत्तराखंड में)
         काठमांडू घाटी (नेपाल में)

 शिवालिक हिमालय :- मध्य हिमालय के दक्षिण समानान्तर रूप से शिवालिक हिमालय स्थित है इसे बाह्य हिमालय एवं दक्षिण हिमालय भी कहते है इसकी औसत ऊंचाई 1500 से 2000 मीटर है और नदियों द्वारा जगह-जगह असंबध हो गई है।

यह मध्य हिमालय से  "दून" एवं "दुआर "घाटी से पृथक होता है।

"दून" एवं "दुआर घाटिया:-

दून -    देहरादून, चुंबीदुन, क्रियादुन,पतलीदुन, कोटलीदुन
दुहार - अलीपुर दुआर ।

नोट :-  करेवा से संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य निम्न है:-
 1. करेवा जम्मू कश्मीर में प्राचीन झील के अवशेष है, यहाँ की वर्तमान झीलें करेवा का भाग मानी जाती है।

 2. करेवा में क्षेपण से करेवा राशि (करेवास) की उत्पत्ति हुई है। इसकी चट्टानों  मे कई प्रकार के खनिज का निक्षेप है।

3. करेवा क्षेत्र में विकसित मृदा में केसर की कृषि की जाती है अत: आर्थिक दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है।

हिमालय का प्रादेशिक विभाजन (लंबवत विभाजन/ देशान्तरीय विभाजन):-

नोट:- यह exam में हिमालय का भौतिक विभाजन पूछने का अलग ढंग है, इसमें हिमालय का भौतिक विभाजन को लंबवत विभाजन/ देशान्तरीय विभाजन( पश्चिम से पूर्व की और विभाजन) के रूप में  पूछा जाता है।

प्रादेशिक आधार पर हिमालय का विभाजन क्षेत्रीय भौगोलिक इकाई के रूप में पश्चिम से पूर्व की और किया गया इसके लिए नदियों को मुख्य आधार बनाया गया है जहाँ प्रमुख नदिया हिमालय को काटती है उनके मध्य के क्षेत्र को एक प्रदेश के रूप में माना गया गया है।

पश्चिम से पूर्व की ओर हिमालय पर्वतीय प्रदेश को चार उपप्रदेशो/ मुख्य प्रदेशों में विभाजित किया गया है।

1. पंजाब हिमालय

2.कुमायु हिमालय

3. नेपाल हिमालय

4. असम हिमालय ।
  


1. पंजाब हिमालय का विस्तार सिंधु के गार्ज से सतलज के गार्ज तक लगभग 560 किलोमीटर की लम्बाई में है यह पंजाब के सीमांत क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विस्तृत है।

यहां ट्रांस एवं मुख्य हिमालय की सभी सामानान्तर श्रेणिया स्थित है।

2. कुमायु हिमालय की स्थिती पंजाब हिमालय के पूर्व में सतलज के गार्ज से काली नदी तक लगभग 320 किमी लम्बाई में उत्तराखण्ड में है। यहाँ मुख्य हिमालय की तीनों समानान्तर श्रेणिया स्थित है।

3. नेपाल हिमालय की स्थिती कुमायु हिमालय के पूर्व में काली नदी से तिस्ता नदी तक लगभग 800 km लम्बाई है यह नेपाल एवं सिक्किम में स्थित है। यहां भी मुख्य हिमालय की तीनों सामानान्तर श्रेणिया स्थित है। यहाँ हिमालय की सर्वोच्च चोटी माउन्ट एवरेस्ट की स्थिती है।

4. असम हिमालय की स्थिती नेपाल हिमालय के पूर्व  में तिस्ता नदी से ब्रम्हापुत्र के गार्ज तक लगभग 720 km की लम्बाई में है इसका विस्तार असम, भूटान और अरुणाचल प्रदेश मे हैं यहां हिमालय की चौड़ाई  में अपेक्षाकृत कमी आ जाती है।

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स्पष्ट : हिमालय पर्वतीय प्रदेश के विभिन्न प्रदेशों की भौतिक एवं उच्चावच अभिलक्षण विशिष्ट है।


दोस्तो हमने इस artical Drishti ias notes in hindi, - मुख्य हिमालय के free notes, geography notes for upsc  में हिमालय के भौतिक विभाजन को समाप्त कर लिया है। इसके बाद वाले artical में हम हिमालय के कुछ अन्य  तथ्यो पर चर्चा करेंगे।
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